सीबीआई ने अपने ही ऑफिसर के खिलाफ दर्ज की करप्शन की एफआईआर

 

अकेला

सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टीगेशन (सीबीआई) ने अपने ही अधिकारी बृज मोहन मीणा उर्फ़ बीएम मीणा के खिलाफ भ्रष्टाचार की एफआईआर दर्ज की है। बीएम मीणा के लिए भ्रष्टाचार में बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले कुछ व्यापारियों को भी सीबीआई ने आरोपी बनाया है। बीएम मीणा के मामले में सीबीआई ने जयपुर, कोलकाता, मुंबई और नई दिल्ली में 20 जगहों पर छापेमारी की। छापेमारी में हवाला के ज़रिए भेजे गए 55 लाख रुपये बरामद हुए हैं।

सीबीआई ने 30 दिसम्बर 2024 को नई दिल्ली में ब्रिज मोहन मीणा, हरीश अग्रवाल, किशन अग्रवाल, ऐश्वर्य राम मीणा, मनीष सराफ, सुनीता सराफ, सौरभ लोहारुका, मेसर्स खुश आईटी नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड कंपनी और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर की कॉपी ABI के पास है। किसी को संदेह न हो इसलिए बीएम मीणा रिश्वत की रकम का इस्तेमाल करने के पहले उसे कई बैंक खातों में घुमाता था।

एफआईआर के अनुसार बीएम मीणा मुंबई में सीबीआई की बैंक सुरक्षा और धोखाधड़ी शाखा में डीएसपी के पद पर कार्यरत थे। बीएम मीणा के पास जांच के लिए जो मामले आते थे उस मामले के आरोपियों और विटनेसेस से हरीश अग्रवाल और किशन अग्रवाल संपर्क कर केस को रफा-दफा करने के बदले मोटी रिश्वत लेते थे। रिश्वत की यह रकम किशन अग्रवाल पहले अपने बैंक खाते में लेता था। उसमें से अपना कमीशन काटकर बाकी रकम बीएम मीणा के बैंक खाते में ट्रांसफर करता था। अभी तक की जांच में पता चला है कि किशन अग्रवाल ने बीएम मीणा के लिए कम से कम छः करोड़ रुपये उगाहे हैं। ये रकम हवाला के जरिए ट्रान्जेक्ट किये हैं। किशन अग्रवाल ने 27 नवम्बर 2024 को 25 लाख रुपए और 9 दिसम्बर 2024 को 15 लाख रुपए बीएम मीणा के रिश्तेदार ऐश्वर्य राम मीणा को जयपुर में भेजे हैं। यह रकम हवाला ऑपरेटर (आंगड़िया) पी. उमेश के जरिये ट्रान्जेक्ट हुई है। उमेश का मुंबई और जयपुर में आंगड़िया का धंधा (कार्यालय) है।

इसी तरह बीएम मीणा के लिए किशन अग्रवाल ने 16 दिसम्बर 2024 को 35 लाख रुपए और 38 लाख रुपए अपनी कंपनी मेसर्स खुश आईटी नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड के खाते में लिए किए। इनमें से मनीष सराफ के फेडरल बैंक खाते में और सुनीता सराफ के यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया के खाते में रुपए ट्रांसफर हुए। इनके लिए कोलकाता का सौरभ लोहरुका मध्यस्थता कर रहा था।

एफआईआर के बाद सीबीआई ने मुंबई, कोलकाता, जयपुर और दिल्ली में लगभग 20 ठिकानों पर छापेमारी की। इस छापेमारी में 55 लाख रुपए नकद, 1.78 करोड़ रुपये के निवेश के प्रॉपर्टी के कागजात मिले हैं। साथ ही 1.63 करोड़ रुपये के लेन-देन की बुक एंट्री और अन्य संदिग्ध दस्तावेज़ भी बरामद किए गए हैं। मामले की जांच नई दिल्ली में एडिशनल सुपरिन्टेन्डेन्ट ऑफ़ पुलिस संजय कुमार ढाल कर रहे हैं।

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