अकेला
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के कोटे से राज्य सभा सांसद और राष्ट्रीय महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष सीमा द्विवेदी के संक्षेप में ‘काम हो जायेगा’ कहने के बाद ही कल्याण के उत्तर भारतीय ठग लोगों को ठगते थे। यह मीटिंग सीमा द्विवेदी के नई दिल्ली स्थित सरकारी आवास में होती थी। सीमा द्विवेदी का यह सरकारी आवास सारे धूर्तों, ठगों, बेईमानों और चीटरों का अड्डा हुआ करता था। ठगी के इसी मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री हरिनारायण राजभर फरार हैं।
महाराष्ट्र में ठाणे जिले के कल्याण में रहनेवाले प्रसिद्ध समाजसेवी ‘डॉक्टर’ देवेंद्र सिंह को पांच उत्तर भारतीय ठगों ने केंद्र सरकार के माइक्रो-स्माल-एंड-मीडियम इंटरप्राइसेस (M.S.M.E.) महामण्डल का महाराष्ट्र प्रदेश में चेयरमैन बना देने के नाम पर तीन करोड़ रुपये ठग लिए। इस बाबत देवेंद्र सिंह ने ठाणे जिले के मुम्ब्रा पुलिस स्टेशन में 16 जनवरी 2025 को भारतीय दंड संहिता-1860 की धारा 406, 420, 467, 468, 471, 500 और 34 के तहत प्रवीण सिंह, राजेश उपाध्याय, आशीष सिंह, राजेश त्रिपाठी और हरिनारायण राजभर के खिलाफ FIR (नंबर- 0094/2025) दर्ज कराई है। एक आरोपी प्रवीण सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वह जमानत पर है। प्रवीण सिंह के साथ राजेश उपाध्याय और आशीष सिंह को भी पुलिस ने पकड़ा था। लेकिन राजेश उपाध्याय और आशीष सिंह गंभीर बीमारी का बहाना बनाकर भांडुप के निजी अस्पताल में भर्ती हो गए। बाद में आशीष सिंह कल्याण के एक अस्पताल में शिफ्ट हो गया।
भाजपा नेता और पूर्व मंत्री हरिनारायण राजभर तो पेशेवर चीटर हैं, परन्तु आश्चर्यजनक रूप से अब इसमें सीमा द्विवेदी का भी नाम आ रहा है। सीमा द्विवेदी उत्तर प्रदेश के जौनपुर के सुजानगंज ब्लॉक अंतर्गत अचकारी गांव की रहनेवाली हैं। वे गड़वारा सीट से दो और मुंगराबादशाहपुर सीट से एक बार विधायक रही हैं। आरोपियों-खासकर राजेश उपाध्याय-को बचाने के लिए सीमा द्विवेदी मुंबई और ठाणे में भाजपा नेताओं को फोन पर फोन किये जा रही हैं। वे अपनी इस कोशिश में कामयाब भी हो रही हैं। राजेश उपाध्याय का ABA ठाणे कोर्ट ने रिजेक्ट कर दिया है, परन्तु राजेश उपाध्याय शहर में बिंदास होकर घूम रहा है। आश्चर्य है कि मुम्ब्रा पुलिस राजेश उपाध्याय को अरेस्ट करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है बल्कि हरिनारायण राजभर और राजेश त्रिपाठी को अरेस्ट करने के लिए उत्तर प्रदेश का भ्रमण करके आ गई। राजेश उपाध्याय उन्हें कल्याण में नहीं मिल रहा है तो हरिनारायण राजभर और राजेश त्रिपाठी उसे उत्तर प्रदेश में कैसे मिलते।
ABI (abinewz.com) को जानकारी मिली है कि कल्याण के ये ठग सीमा द्विवेदी के नई दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर बैठकर अपना टार्गेट ढूंढते थे। प्लानिंग करते थे और ठगते थे। फाइनल मीटिंग में सीमा द्विवेदी भी बैठती थीं। सिर्फ ‘काम हो जायेगा’ बोलकर उठ जाती थीं। सीमा द्विवेदी पर भरोसा कर पीड़ित रुपये आरोपियों को दे देता था। ठगा हुआ व्यक्ति जब इनसे अपने रुपये वापस मांगता तो ये लखनऊ ATS, ED अथवा I-T में अरेस्ट करवा देने की धमकी देते थे। इन आरोपियों ने देवेंद्र सिंह को भी ATS, ED और I-T की धमकी दी थी।
अगले अंक में पढ़िए- आरोपियों का पुणे के चीफ कस्टम कमिश्नर वांगे, वाराणसी में पोस्टेड IPS पीयूष मोरडिया और त्रिची के कस्टम कमिश्नर इम्तियाज़ पठान से क्या ताल्लुक ?