उल्हासनगर के चार गुंडों ने ‘लोन माफ़ी’ के लिए अंडरवर्ल्ड के ‘लंगड़े’ से करवाया था फोन, अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने रिजेक्ट की ABA !

 

अकेला

बॉम्बे हाईकोर्ट ने उल्हासनगर के तीन ‘गुंडों’ की अग्रिम जमानत याचिका (ABA) ख़ारिज कर दी है। इन गुंडों ने लोन माफ़ी के लिए अंडरवर्ल्ड के ‘लंगड़े’ सरगना सुरेश पुजारी से कल्पतरु को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसायटी के चेयरमैन अमित वाधवा को धमकी दिलवाई थी।

गुंडों के नाम पंकज त्रिलोकानी, रोशन माखीजा, उमेश राजपाल और सुशील उदासी हैं। इनमें से पंकज त्रिलोकानी उल्हासनगर का छँटा हुआ बदमाश है। उसकी एक पहचान ‘कालानी गैंग’ के TOK पार्टी के ‘भरोसेमंद’ सदस्य की भी है। सुशील उदासी ने 1.15 करोड़ रुपये, पंकज त्रिलोकानी ने 88.29 लाख रुपये, उमेश राजपाल और उसकी पत्नी पायल राजपाल ने 18 लाख रुपये कल्पतरु को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसायटी से कर्ज लिया था। आरोपियों ने समय पर कर्ज नहीं चुकाया।

इस बीच अमित वाधवा को अंडरवर्ल्ड सरगना सुरेश पुजारी उर्फ़ लंगड़ा का फोन आने लगा। सुरेश पुजारी अमित वाधवा से 2 करोड़ रुपये हफ्ता मांग रहा था। सुरेश पुजारी अपने बारे में बताता था कि उसने सच्चू केबलवाले की हत्या करवाई फिर उसके भाई ने हफ्ता दिया। मटका और लॉटरी माफिया सुमित चक्रवर्ती की ऑफिस पर फायरिंग करवाई तो उसने भी हफ्ता दिया। अमित वाधवा को भी हफ्ता देना ही पड़ेगा। अमित वाधवा किसी भी सूरत में हफ्ता देने को तैयार नहीं हुए तो सुरेश पुजारी ने उनसे कहा कि फिर मेरा एक काम कर। सुरेश पुजारी ने बताया कि पंकज त्रिलोकानी, रोशन माखीजा, उमेश राजपाल और सुशील उदासी उसके पंटर हैं। उनका लोन माफ़ कर दे। और उसे भी दो करोड़ रुपये की जगह एक करोड़ रुपये हफ्ता दे। अमित वाधवा ने सुरेश पुजारी के सारे कॉल रिकॉर्ड कर लिए थे। तब के संयुक्त पुलिस आयुक्त संजय येनपुरे के निर्देश पर ठाणे क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच की और शिकायत सही पाए जाने पर पंकज त्रिलोकानी, रोशन माखीजा, उमेश राजपाल और सुशील उदासी के खिलाफ 13 मई 2021 को IPC की धारा 385, 387, 504, 506(2), 120(बी) और सह धारा 34 के तहत उल्हासनगर-1 पुलिस स्टेशन में FIR (नंबर-161/2021) दर्ज करा दी। अमित वाधवा को 6 माह तक पुलिस प्रोटेक्शन भी दी।

रोशन माखीजा को कल्याण सत्र न्यायालय से तुरंत अग्रिम जमानत मिल गयी। पंकज त्रिलोकानी, उमेश राजपाल और सुशील उदासी की अग्रिम जमानत याचिका ख़ारिज हो गयी थी। तीनों आरोपियों ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने ऑडियो कॉल रिकॉर्डिंग को पर्याप्त आधार मानते हुए तीनों की अग्रिम जमानत याचिका 4 जुलाई 2025 को ख़ारिज कर दी।

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार पंकज त्रिलोकानी के खिलाफ हफ्ता उगाही और बलात्कार (पोक्सो), उमेश राजपाल के खिलाफ हत्या के प्रयास और हफ्ता उगाही, सुशील उदासी के खिलाफ हफ्ता उगाही और रोशन माखीजा के खिलाफ हत्या के प्रयास, बलात्कार (पोक्सो), गंभीर मारामारी और हफ्ता उगाही के FIR दर्ज हैं।

अमित वाधवा भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं। बाद में ABI (abinewz.com) पर पढ़िए रोशन माखीजा के 700 सिम कार्ड की कहानी।

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