दो IRS सहित भ्रष्टाचार के आरोप में SEEPZ के सात अधिकारी गिरफ्तार, 27 अचल संपत्ति, 61 लाख रुपये नकद और तीन लग्जरी कारें बरामद

 

अकेला

सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टीगेशन (सीबीआई) ने भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए सांताक्रूज़ इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात प्रसंस्करण क्षेत्र (SEEPZ) की विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) इकाई में अँधेरी, मुंबई के सात अधिकारियों को गिरफ्त्तार किया है। इनमें दो IRS अधिकारी और दो निजी दलाल भी शामिल हैं। इन अधिकारियों के यहां से 27 अचल संपत्ति, 61.5 लाख रुपये नकद, तीन लग्जरी कारें और महत्वपूर्ण दस्तावेज़ बरामद हुए हैं।

सीबीआई की तरफ से जारी प्रेस नोट के अनुसार सीबीआई ने 17 दिसम्बर 2024 को इन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और 17 दिसम्बर को ही इन अधिकारियों के आवास और कार्यालयों पर छापा मार दिया। इनके आवास और कार्यालयों से 27 अचल सम्पत्तियाँ, 61.5 लाख रुपये नकद, तीन लग्जरी कारें तथा कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ बरामद हुए।

गिरफ्तार आरोपियों के नाम सीपीएस चौहान, डॉ. प्रसाद हनुमंतराव वरावंटकर, रेखा नायर, मनीष कुमार, रविंद्र कुमार, राजेश कुमार, संजीव कुमार मीणा, मनोज जोगलेकर और मिथिलेश तिवारी हैं। इनमें से सीपीएस चौहान IRS हैं और SEEPZ-SEZ में ज्वाइंट डेवलपमेंट कमिश्नर हैं, डॉ. प्रसाद हनुमंतराव वरावंटकर IRS हैं और डिप्युटी डेवलपमेंट कमिश्नर, रेखा नायर असिस्टेंट डेवलपमेंट कमिश्नर, मनीष कुमार असिस्टेंट डेवलपमेंट कमिश्नर, रविंद्र कुमार असिस्टेंट, डेवलपमेंट कमिश्नर, राजेश कुमार अपर डिवीज़न क्लर्क और संजीव कुमार मीणा अधिकृत अधिकारी, डेवलपमेंट कमिश्नर हैं। मनोज जोगलेकर और मिथिलेश तिवारी प्राइवेट पर्सन हैं और इन अधिकारियों के लिए दलाली का काम करते हैं। असिस्टेंट डेवलपमेंट कमिश्नर रेखा नायर और मनीष कुमार भी इसी काम के लिए विभाग में बदनाम हैं। वे तब के डेवलपमेंट कमिश्नर IAS बलदेव सिंह के लिए भी उगाही का काम करते थे। 17 दिसम्बर के छापे में इन दोनों के घर से 47 लाख रुपए नकद बरामद हुए हैं।

सीबीआई ने एक दलाल के बैग से एक लिफाफा बरामद किया है। उसने SEEPZ परिसर में ही ऑफिस बना रखी थी। उस लिफाफे में अधिकारियों के लिए ली गई 60 लाख रुपये की रिश्वत का ब्यौरा है। इस ब्यौरे में लिखा है कि उसने किस अधिकारी के लिए कितना, किस व्यक्ति से कितना और किस काम के लिए रिश्वत ली है। इसी ब्यौरे में लिखा है कि उसने 12 दिसम्बर 2024 को 15 लाख रुपए रिश्वत कलेक्ट कर IRS सीपीएस चौहान को दिए। उस 15 लाख रुपए में से 7 लाख रुपए सीपीएस चौहान ने खुद रख लिए और 8 लाख रुपए मातहत अधिकारियों में बाँट दिए। इस दलाल के पास से 4 लाख रुपए नकद बरामद हुए हैं।

यह कार्रवाई सीपीएस चौहान के भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने के कारण हुई। खबर थी कि सीपीएस चौहान ने समीर डागा और मनोज जोगलेकर को अपना कलेक्टर अप्वाइंट किया है। भ्रष्टाचार की ही रकम ऊपर देकर सीपीएस चौहान अपना तबादला रुकवाते थे। सीबीआई ने सीपीएस चौहान के पास से 3 लग्जरी कारें जब्त की हैं। 

SEEPZ-SEZ के अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई की एक माह के अंतराल में यह दूसरी FIR है। भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी बिनोद अग्रवाल ने 30 नवंबर 2017 को सबसे पहले इस भ्रष्टाचार की शिकायत CBI, CVC और CAG से की थी। लम्बी जांच के बाद CBI ने 26 नवम्बर 2024 को एनपीएस मोंगा, वीपी शुक्ला और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एनपीएस मोंगा तब डेवलपमेंट कमिश्नर थे और विजय प्रकाश शुक्ला उर्फ़ वीपी तब ज्वाइंट डेवलपमेंट कमिश्नर थे। इनके और अन्य के खिलाफ जांच चल रही है। सेवानिवृत्त IAS बलदेव सिंह भी इन्हीं आरोपों में जांच के घेरे में हैं।

 

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