मृत लैंड ओनर की साइन कर मुम्ब्रा की नसम-दारुल-अमान बिल्डिंग का प्लान पास करवा रहा है भाटी गैंग, TMC अधिकारी महेश रावल कर रहा है हेल्प 

समीर भाटी और नईम भाटी

अकेला

वैसे तो ठाणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (TMC) में सहायक आयुक्त महेश आहेर ही नंबर-1 करप्ट ऑफिसर की कुर्सी पर विराजमान है, परन्तु संदीप मालवी और महेश रावल भी कुछ कम नहीं हैं। महेश रावल कार्यकारी अभियंता है। सब कुछ जानते हुए भी मुम्ब्रा की नसम-दारुल-अमान बिल्डिंग का प्लान पास करने की कोशिश कर रहा है। विकासक समीर इकबाल भाटी और नईम इकबाल भाटी ने मृत लैंड ओनर की सब जगह खुद सिग्नेचर की है।

मुंबई के उपनगर खार का रहनेवाला भाटी गैंग मुम्ब्रा के शील-डायघर में नसम-दारुल-अमान नाम से बिल्डिंग बना रहा है। जिस जमीन पर बिल्डिंग बन रही है उसका मालिक मूसा रशीद मोहम्मद इसा खान हैं। मूसा की 29 जनवरी 2024 को मौत हो गई। 14 जुलाई 2024 को आर्किटेक्ट विनय पाटिल एन्ड असोसिएट्स के जरिये भाटी गैंग ने सीसी हासिल करने के लिए TMC में नया प्रपोजल डाला। इस प्रक्रिया में 14 अगस्त 2024 के डेवलपमेंट एप्लीकेशन में नईम मोहम्मद इकबाल भाटी ने खुद को लैंड ओनर प्रस्तुत किया और उस जगह पर खुद सिग्नेचर कर दिया है। यह सब जानते हुए भी महेश रावल ने उस प्रपोजल को एप्रूव्ड कर दिया।

फिरोज शेख

महत्वपूर्ण है कि 7/12 में अभी भी मृत लैंड ओनर मूसा रशीद मोहम्मद इसा खान का नाम है। वारिसदार की जगह पर भी किसी का नाम नहीं चढ़ा है। बावजूद इसके समस्त डॉक्युमेंट्स में भाटी गैंग खुद को लैंड ओनर प्रोड्यूज़ कर सिग्नेचर किया हुआ है।

एक और चीटिंग। एक एफिडेविट में भाटी गैंग ने प्लॉट की साइज़ 4,000 वर्ग मीटर बताया है। यह सच है। प्लॉट की साइज 3,150 वर्ग मीटर है। परन्तु ग्रुप हॉउसिंग स्कीम का लाभ उठाने के लिए एफिडेविट में प्लॉट की साइज 4,000 वर्ग मीटर से ज़्यादा बता दिया है। इसको भी महेश रावल ने एप्रूव्ड कर दिया।

मुम्ब्रा प्रॉपर्टी ओनर के मालिक फिरोज शेख ने ऐसी ही सब चीटिंग्स को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में रिट पिटीशन फाइल की हुई है। मुंबई की प्रसिद्ध लीगल फर्म लॉ ज्यूरिस की तरफ से वकील घनश्याम उपाध्याय ने सारे फैक्ट्स न्यायाधीशद्वय- ए. एस. गडकरी और कमल काथा– की खंडपीठ के समक्ष रखे। TMC का वकील ये सब सुनकर आंव-बांव करने लगा। इस पर न्यायाधीश ने ठाणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (टीएमसी) के अतिरिक्त आयुक्त (एन्क्रोचमेंट) संदीप मालवी को सख्त आदेश दिया। खंडपीठ का आदेश है कि संदीप मालवी रिट पिटीशन खुद पढ़े, इन्फॉर्मेशन इकठ्ठा करे और जवाब भी खुद फाइल करे। किसी जूनियर ऑफिसर से जवाब फाइल न करवाए।

मुंबई और मुम्ब्रा में सबको मालूम है कि भाटी गैंग हद दर्ज़े का चीटर है। महेश रावल को यह बखूबी मालूम है कि लैंड ओनर की मृत्यु हो गयी है बावजूद इसके वह अपने टेबल की फाइल क्लियर करते जा रहा है। फिरोज शेख का कहना है कि महेश रावल चीटर विकासक भाटी गैंग का मार्गदर्शन भी करता है। इसके लिए महेश रावल ने मोटी रकम ली है। हालाँकि मामला हाईकोर्ट में पहुंचने पर महेश रावल पर कभी भी गाज़ गिर सकती है। साथ ही आर्किटेक्ट, कांट्रेक्टर और आरसीसी इंजीनियर भी चपेट में आ सकते हैं। बावजूद इसके संदीप मालवी और महेश रावल भाटी गैंग की हेल्प करते हैं। वैसे महेश आहेर अभी भी TMC का सबसे भ्रष्ट अधिकारी माना जाता है। संदीप मालवी और महेश रावल भी कुछ कम नहीं हैं।

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