चीन में ‘ब्यूटीफुल गवर्नर’ के नाम से मशहूर ग्वाइझू प्रांत की गवर्नर झोंग यांग को 13 साल जेल की सजा सुनाई गई है। उस पर 1 करोड़ 16 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। 52 साल की झोंग यांग को करीब 71 करोड़ की रिश्वत लेने और अपने साथ काम करने वाले 58 लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाने के आरोप में दोषी ठहराया गया है।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, झोंग चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से ग्वाइझू की डिप्टी सेक्रेटरी और गवर्नर रह चुकी है। उसने 22 साल की उम्र में पार्टी जॉइन की थी। जनवरी 2023 में चीन के ग्वाइझू रेडियो ने अपनी रिपोर्ट में झोंग से जुड़े विवादों का जिक्र किया था।
झोंग यांग ने 22 साल की उम्र में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी जॉइन की थी। पद की आड़ में अपनी पसंद की कंपनियों को कॉन्ट्रैक्ट दिलवाए. उस पर आरोप लगे कि उसने अपने पद का इस्तेमाल कर सरकारी निवेश की आड़ में अपनी पसंद की कंपनियों को बड़े कॉन्ट्रैक्ट दिलाए। एक मामले में झोंग ने एक बिजनेसमैन को 1.7 लाख स्क्वायर मीटर की जमीन में हाई-टेक इंडस्ट्रियल स्टेट बनाने का कॉन्ट्रैक्ट दिलवाया। इस बिजनेसमैन के झोंग के साथ करीबी रिश्ते थे।
इस डील से झोंग को भी काफी फायदा हुआ था। दस्तावेजों के मुताबिक, झोंग उन कंपनियों की मदद करती थी, जिससे उनके निजी रिश्ते थे। अप्रैल 2023 में ग्वाइझू प्रांत की सुपरविजन कमेटी ने झोंग के खिलाफ जांच की घोषणा की थी। इस दौरान झोंग पर 58 पुरुषों के साथ शारीरिक संबंध बनाने का भी आरोप लगा।
2023 में गिरफ्तार हुई, पार्टी से निकाला गया. इनमें ज्यादातर वे लोग थे जिनके बिजनेस में झोंग ने फायदा पहुंचाया था। वहीं कुछ अन्य में झोंग यांग के साथ काम करने वाले लोग भी शामिल थे। चीन की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, झोंग बिजनेस ट्रिप या ओवरटाइम के बहाने इन लोगों से मिलती थी। झोंग को पिछले साल अप्रैल में ही गिरफ्तार कर लिया गया था।
इसके बाद सितंबर 2023 में चीन की शिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि झोंग को कम्युनिस्ट पार्टी और नेशनल पीपुल्स कांग्रेस से निकाल दिया गया है। अपने ऊपर बनी एक डॉक्यूमेंट्री में झोंग यांग ने कहा था कि उसे अपने किए पर पछतावा है। वह अपने साथ काम करने वाले लोगों, परिवार और राजनीतिक नेताओं से अब आंख नहीं मिला सकतीं।
झोंग ने कहा, “मुझे लगता था कि इस तरह से मैं राजनीतिक मसलों में मदद के लिए अपने साथ कुछ भरोसेमंद व्यापारियों को जोड़ सकती हूं। मेरे माता-पिता मुझे काम में ईमानदार रहने की सलाह देते थे, लेकिन मैंने उनकी बात नहीं मानी।”