गैंगस्टर देवेन भारती, फर्जी पुलिस दया नायक, तेलगीवाला प्रदीप सावंत, रसिया अविनाश अंबुरे आदि ने नहीं, इन ‘चंगू-मंगू’ ने ABI Website को पहुंचाई है क्षति !

चंगू  मंगू

अकेला

यह न्यूज़ नहीं है। स्पष्टीकरण है। ABI (abinet.org) के पाठकों की जानकारी के लिए है। मुंबई शहर में खबर फैली है कि ABI वेबसाइट (abinet.org) को देवेन भारती, प्रदीप सावंत, अविनाश अंबुरे और दया नायक जैसे लोगों ने बंद करवा दिया है। हकीकत में ऐसा-वैसा कुछ भी नहीं है। ABI वेबसाइट को सुधीर सिंह उर्फ़ चंगू और रंजीत महांती उर्फ़ मंगू ने क्षति पहुंचाई है। ब्लॉक किया है।

अगस्त 2024 के अंतिम सप्ताह से ABI (अकेला ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टीगेशन), abinet.org को चंगू-मंगू ने क्षति पहुंचा दी। ब्लॉक कर दिया है। चंगू और मंगू ABI वेबसाइट से इसकी शुरुआत वर्ष 2014 से जुड़े थे। इनमें मंगू टेक्निकल काम देखता था। मसलन न्यूज़ पोस्ट करता था। वगैरह वगैरह। हुआ यह कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 29 अगस्त 2024 को घाटकोपर के बदनाम झुनझुनवाला कॉलेज के प्रशासक रवींद्र सिंह को 50,000 रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। एक छात्रा को 11वीं कॉमर्स में एडमिशन देने के बदले रवींद्र सिंह ने डेढ़ लाख रुपये रिश्वत (डोनेशन) माँगी और 50,000 रुपये लेते पकड़ा गया। यह भी बता दें कि झुनझुनवाला कॉलेज का ट्रस्टी कोई राजेंद्र सिंह है। कांग्रेस पार्टी का नेता है। राजनीति में फ्लॉप है परन्तु भ्रष्टाचार और हरामखोरी में नंबर वन है। केंद्र सरकार की बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ नीति को ठेंगे पर रखकर राजेंद्र सिंह एक बेटी से डेढ़ लाख रुपये डोनेशन (रिश्वत) मांग रहा था।

रवींद्र सिंह के ACB में पकड़े जाने पर मैंने ब्रेकिंग न्यूज़ के चक्कर में चार लाइन लिखकर कुछ व्हाट्सप्प ग्रुप में शेयर कर दिया। यह बात चंगू-मंगू को नागवार गुजर गई। इतनी ज़्यादा नागवार गुजरी कि मंगू ने मुझे फोन कर पूछा कि अब हम कौन सा मुंह लेकर राजेंद्र सिंह के पास जाएंगे। चंगू ने कहा कि मैंने उसके पेट पर लात मार दिया है। फिर चंगू-मंगू ने मुझे सबक सिखाने की धमकी दी और ABI वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया। मंगू के ही पास वेबसाइट का एक्सेस रहता था। खबर मंगू ही पोस्ट करता था तो ID-Password उसके पास ही रहता था।

मैंने फ्रेंड्स सर्कल में बहुत अनुनय-विनय किया, निवेदन किया कि चंगू-मंगू मेरा ID-Password दे दें। वेबसाइट ब्लॉक न करें। परन्तु उन्होंने मेरी एक भी न मानी। फाइनली मैंने चंगू उर्फ़ सुधीर सिंह और मंगू उर्फ़ रंजीत महांती के खिलाफ कल्याण की कोलसेवाड़ी पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता की धारा 316, 352, 3(5) और आईटी एक्ट की धारा 65 के तहत 2 अक्टूबर 2024 को एफआईआर (नंबर- 0975/2024) दर्ज करा दी। मंगू ने कल्याण कोर्ट में गिरफ़्तारी पूर्व जमानत के लिए अर्जी दी हुई है। उसे अंतरिम जमानत मिली हुई है। चंगू पुलिस रिकॉर्ड में फरार है

इस न्यूज़/स्पष्टीकरण/हकीकत को लिखने का कारण ठाणे पुलिस का एक दलाल है। भड़वा भी कह सकते हैं। भड़वे और वेश्या का नाम न्यूज़ में नहीं लिखा जाता। उसकी हरकतों से आप खुद समझ जाएंगे। यह दलाल ऑर्केस्ट्रा बार, स्पा और हुक्का पार्लर पर रेड करवाता है। फिर पुलिस की तोड़पानी करवाता है। और वहां से अपना महीने का हफ्ता बंधवा लेता है। ऑर्केस्टा बार में यदि बांग्लादेशी, खूबसूरत और नाबालिग लड़की मिल गई तो ऑर्केस्ट्रा बार मालिक पर कड़ी कार्रवाई करवाने की धमकी देकर उस लड़की को खुद यूज करता है। सीनियर इंस्पेक्टर, एसीपी और डीसीपी को सप्लाई भी करता है। इसलिए सीनियर इंस्पेक्टर, एसीपी, डीसीपी उसके मुरीद रहते हैं।

ABI (abinet.org) वेबसाइट पर देवेन भारती, अविनाश अंबुरे, प्रदीप सावंत, दया नायक, राजकुमार कोथमिरे जैसे महान भ्रष्ट अधिकारियों की कारगुजारियों की महान गाथाएं लिखी हुई हैं। चंगू-मंगू राजेंद्र सिंह को मुंह दिखाने लायक नहीं रहे तो ABI वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया। अब ठाणे पुलिस के दलाल ने सबसे पहले शहर में खबर फैलायी कि जब दया नायक ने क्राइम ब्रांच ज्वाइन किया तो मैंने ABI की डिटेल्स उसको दे दी थी। दया नायक ने तब कहा था- समय आने पर देख लूँगा। और उन्होंने अब देख लिया। फिर खबर फैलाई कि अकेला ने बॉस से पंगा लेने का हश्र देख लिया। बॉस ने साइबर सेल को बोल कर ABI वेबसाइट बंद करवा दी। यहां बॉस का मतलब देवेन भारती है। मतलब देवेन भारती ठाणे पुलिस के इस दलाल का बॉस है। इसके बाद किसी को बोला कि अविनाश अंबुरे साहब ने ABI वेबसाइट बंद करवा दी। किसी ने मुझसे पूछा कि प्रदीप सावंत ने बंद करवा दी क्या ?

कौन है देवेन भारती

आईपीएस देवेन भारती वर्तमान में मुंबई पुलिस का स्पेशल कमिश्नर है। स्पेशल इसलिए कि उसके कारनामे भी स्पेशल हैं। ठाणे पुलिस की एंटी एक्सटॉरशन सेल ने गैंगस्टर एजाज लकड़ावाला को गिरफ्तार किया था। एजाज लकड़वाला ने ऑन कैमरा बयान दिया है कि देवेन भारती उसका बॉस है। देवेन भारती मुंबई के बड़े बिजनेसमैन का मोबाइल नंबर गैंगस्टर सलीम महाराज के जरिये उसको प्रोवाइड करवाता था। एजाज लकड़वाला उस बिजनेसमैन को एक्सटॉरशन के लिए धमकी देता था। फिर देवेन भारती सेटलमेंट करवाता था। एक्सटॉरशन की उस रकम में से 50 पर्सेंट देवेन भारती लेता था। 50 पर्सेंट में से सलीम महाराज और एजाज लकड़ावाला लेते थे। एजाज लकड़ावाला के इकबालिया बयान का यह वीडियो ABI पर पोस्टेड था। गैंगस्टर विजय पलांडे ने भी लिखित में शिकायत की है कि वह देवेन भारती के निर्देश पर क्राइम करता था। मुंबई पुलिस के सबसे सम्मानित कमिश्नर रहे राकेश मारिया ने अपनी पुस्तक में ज़िक्र किया है कि देवेन भारती का शीना वोरा मर्डर केस में इन्वॉल्वमेंट था। देवेन भारती उर्फ़ छोटा रिचार्ज उर्फ़ छोटा चेतन के बहुत कारनामे हैं। पुलिस आयुक्त रहते संजय बर्वे और संजय पांडेय ने गृह विभाग को एक सीक्रेट रिपोर्ट सौंपी थी कि देवेन भारती मुंबई पुलिस विभाग और मुंबई शहरवासियों के लिए खतरा है।

पूत के पाँव पालने में। यह कहावत देवेन भारती के लिए है। देवेन भारती की पहली पोस्टिंग सांगली जिले में थी। तब सांगली कोर्ट के न्यायाधीश ने एक मामले में ऑर्डर पास करते हुए कमेंट किया था कि देवेन भारती की हरकतें पुलिस के लायक नहीं है। यह बात उस न्यायाधीश ने एक मुलाकात में ABI को खुद बताई थी। देवेन भारती पैसे के लिए किसी भी हद तक गिर जाता है। देवेन भारती की शादी तय हुई थी। तभी इसने UPSC पास कर लिया। UPSC पास करते ही इसने अपना ग्रेड बढ़ा लिया और लड़की वालों से 50 लाख रुपये दहेज़ की डिमांड कर दी। बोला अब मैं आईपीएस बन गया हूँ 50 लाख दहेज़ देने पर ही शादी होगी। लड़कीवाले 50 लाख नहीं दे पाए तो शादी तोड़ दी। यह बात उस लड़की के भाई ने ABI को बताई थी। संयोग देखिये कि उस लड़की का भाई अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) में ऑफिसर है।

कौन है दया नायक

दया नायक वर्तमान में मुंबई पुलिस में सीनियर इंस्पेक्टर है। उसकी ईरानी होटल में फटका मारने से लेकर मुंबई पुलिस में भरती होने तक की कहानी फ़िल्मी है। विवादित है। बीच में एक दौर ऐसा चला था कि पुलिस अधिकारी जानबूझ कर ऐसी हरकतें करते जिससे उनके चरित्र को लेकर फिल्म बन जाए अथवा उनके नाम पर फिल्म बन जाए। ABI ने कुछ साल पहले एक्सपोज्ड किया था कि दया नायक की शैक्षणिक डिग्रियां फर्जी हैं। मतलब उसने जो एजुकेशनल सर्टिफिकेट मुंबई पुलिस में जमा किया है फर्जी हैं। जब संजय पांडेय पुलिस आयुक्त थे तो उन्होंने दया नायक की शैक्षणिक डिग्रियों को लेकर जांच शुरू की थी। पुणे एटीएस का एक डीसीपी जांच कर रहा था। तभी राजनीति का राखी सावंत कहा जानेवाला शिवसेना का एक नेता और सामना अखबार का एक रिपोर्टर संजय पांडेय से मिले। दया नायक के मामले में गो स्लो जाने का निवेदन किया। तब तक दया नायक अपने कुलगुरु प्रदीप शर्मा का साथ छोड़कर देवेन भारती के खेमे में आ गया। दया नायक कितना एहसानफरामोश है बताता हूँ। उसके घर ACB अधिकारी रेड मारने जा रहे थे। यह इन्फॉर्मेशन लीक हो गयी। दया नायक ने अपने घर की नकदी, गहने और प्रॉपर्टी के डॉक्युमेंट्स एक दोस्त के घर रख दिए। ACB रेड में कुछ नहीं मिला। उसने शोर कर दिया कि उसने हराम की कमाई ही नहीं की है। इसलिए कुछ मिला ही नहीं। फिर वह दोस्त के घर गया। दोस्त के सामने, उसके घर में बैठकर रुपये गिनती करके लिए। उसे शक था कि दोस्त ने कुछ रुपये निकाल न लिए हों। वही दोस्त दया नायक की इस हरकत को अपना अपमान मान सबको बताते फिर रहा था। मेरे पास सबूत नहीं हैं सिर्फ सुना है कि एक बार दया नायक ने जानबूझ कर फिल्म निर्देशक रामगोपाल वर्मा की ऑफिस के पास इन्कॉउंटर किया। दौड़कर रामगोपाल वर्मा की ऑफिस में गया और उन्हें रिवॉल्वर से निकल रहे धुएं को दिखाया। बोला देखिये सर अभी-अभी ताजा-ताजा इन्कॉउंटर करके आ रहा हूँ। रिवॉल्वर गरम है। नली से धुआँ भी निकल रहा है। बताते हैं रामगोपाल वर्मा की फट गई। वो जानते थे ये फर्जी इन्कॉउंटर करता है। जांच में वह भी फंस जाएंगे। रामगोपाल वर्मा ने दया नायक से कहा- चल निकल यहाँ से। फर्जी इन्कॉउंटर स्पेशलिस्ट निकल गया।

कौन है अविनाश अंबुरे

आईपीएस अविनाश अंबुरे अभी मीरा-भायंदर वसई-विरार पुलिस आयुक्तालय अंतर्गत क्राइम ब्रांच में डीसीपी हैं। पहले वे ठाणे में डीसीपी थे। ठाणे वाले दलाल के कहने पर वे ऑर्केस्ट्रा बार में रेड मारते थे। रुपये की तोड़पानी तो करते ही थे बार बालाओं का भी भोग करते थे। अविनाश अंबुरे इतने रसिया थे कि ऑर्केस्ट्रा संचालक विनोद शेट्टी से रशियन गर्ल की मांग कर डाली। अविनाश अंबुरे ने कहा कि भारतीय लड़कियों का भोग करते-करते उनका मन ऊब गया है। टेस्ट चेंज करने के लिए रशियन लड़कियां चाहिए। रशियन लडकियां सर्विस बहुत अच्छी देती हैं। उन्होंने रशियन लड़कियों की फोटो भी विनोद शेट्टी को दी। ABI ने यही स्टोरी और रशियन लड़कियों की फोटो पब्लिश कर दी थी। दलाल ऐसी ही लड़कियां तब ठाणे मुख्यालय में डीसीपी रहे संदीप भाजीभाखरे को भी सप्लाई करता था।

दलाल की नयी करतूत

दलाल ने ठाणे पुलिस में कार्यरत एक महिला कांस्टेबल को बताया कि उसकी पहुँच बहुत ऊपर तक है। आईपीएस छोड़िये सीएम एकनाथ शिंदे भी वही करते हैं जो वह कहता है। दलाल ने महिला कांस्टेबल को बोला कि छः माह में वह उसे कांस्टेबल से पीएसआई (Police Sub Inspector) बनवा देगा। कांस्टेबल दलाल पर रीझ गई। सिचुएशन ये हो गई कि कांस्टेबल दलाल के साथ ऑर्केस्ट्रा बार, बीयर बार और हुक्का पॉर्लर में जाने लगी। ABI के पास इन सबके फोटोग्राफ्स मौजूद हैं। एक वरिष्ठ आईपीएस (जिनकी मैं बहुत इज़्ज़त करता हूँ) के निवेदन पर मैं महिला कांस्टेबल का फोटो और नाम पब्लिश नहीं कर रहा हूँ। छः माह बीत जाने पर भी जब कांस्टेबल PSI नहीं बनी तो वह नाराज़ हो गई। दलाल पहले से शादीशुदा है। अब कांस्टेबल धमकी देती है कि उससे शादी कर नहीं तो वह बलात्कार की FIR करेगी अथवा आत्महत्या कर लेगी। पिछली दिवाली पर दलाल को जितने गिफ्ट्स, ड्राय फ्रूट्स, मिठाइयां, शराब की बोतलें और सोने-चांदी के सिक्के, अंगूठी, घड़ियाँ मिले थे, सब पत्नी की हैसियत से कांस्टेबल उठा ले गई। सोने के सिक्के और शराब की बोतल अविनाश अंबुरे प्रत्येक दिवाली पर दलाल को गिफ्ट देते हैं। उसकी सेवा से प्रसन्न होकर।

नोट– इस न्यूज़/स्पष्टीकरण को लिखने के लिए दलाल ने मजबूर किया। टुच्चे-टुच्चे पुलिसवाले भी कॉलर ऊपर करने लगे थे कि ABI वेबसाइट मैंने बंद करवा दी। दलाल ने तो हद ही कर दी थी। अगर किसी को मेरी इस न्यूज़ से दुःख पहुंचा हो तो मेरे लिए ख़ुशी की बात है। दुःख पहुंचाने के लिए ही लिखा है। स्टोरी बहुत बड़ी हो रही है। इसलिए दलाल के सेवाधारी प्रदीप सावंत, दिलीप सावंत, Ex IPS हेमंत नगराले, IPS महेश पाटिल, शिक्षा माफिया राजेंद्र सिंह आदि की कहानियां बाद में।

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